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समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
कपिल शर्मा
@kapil.sharma.18041
तीन तलाक का विरोध एक भ्रम है
तीन तलाक कानून का विरोध करने वाले नासमझी में किसी राजनैतिक विचारधारा का व्यक्तिगत विरोध करने के कारण उन लोगों को भाग निकलने का भरपूर मौका दे रहे हैं. उनके पक्ष में दलील देकर उन्हें सही ठहरा रहे हैं जो उनकी बेटी और बहन की इज़्ज़त के साथ तीन तलाक के बहाने खेलते हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
मुस्लिम महिलाओं से मोदी को मिलने लगे हैं Return Gift
ट्रिपल तलाक की याचिकाकर्ता इशरत जहां का भाजपा ज्वाइन करना, ये बताने के लिए काफी है कि पश्चिम बंगाल का आगामी चुनाव कई मायनों में रोचक और सियासी दलों के लिए बेहद खास होने वाला है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
गोपी मनियार
@gopi.maniar.5
वंजारा जीत तो जाएंगे, लेकिन क्या शाह उन्हें टिकट देंगे?
गुजरात में अगले साल चुनाव होने हैं. वंजारा ने पहले ही ये घोषणा कर दी है कि वो गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे. हालांकि कहां से और किस पार्टी से, इसे लेकर वंजारा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
कांग्रेस आलाकमान के इशारे पर हुआ था सारा खेल?
जुलाई 2009 को दिए गये हलफनामे में चिदम्बरम ने यह स्वीकार किया था कि इशरत जहां का लश्कर से जुड़ाव है और वो आतंकी गतिविधियों में शामिल है. लेकिन इस हलफनामे के मात्र एक महीने बाद इस हलफनामे को बदलने का आदेश गृहमंत्रालय ने दे दिया.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अभिमन्यु शर्मा
@abhimanyu.d.sharma
वामपंथ का ब्लैक एंड व्हाइट
एक सवाल यहां खड़ा होता है जो सीधे सीधे भारत के एक वर्ग के मिजाज को असमंजस के कठघरे में खड़ा करता है और वो सवाल करोड़ों लोगों का भी हो सकता है कि आखिर देश इतनी जल्दबाजी में क्यों है जो अपरिपक्वता को भी आसानी से स्वीकार करने के लिए आतुर है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
इशरत जहां देश की बेटी या दुश्मन?
राजनीति में मुर्दे को भी जिंदा रखा जाता है ताकि समय आने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके. यही राजनीति कांग्रेस ने खेली, ताकि किसी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम किया जा सके. कांग्रेस ने जो जाल बुना उसमें वो खुद ही फंस गई. आखिर फंसती भी क्यूं नहीं, मकसद ही जो गलत था.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अरविंद जयतिलक
@arvind.jaiteelak.9
इशरत पर घिरी कांग्रेस क्या माफी मांगेगी?
पी चिदंबरम ने अफजल की फांसी पर सवाल दागकर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर उसी तरह से संदेह व्यक्त किया है जिस तरह अफजल के समर्थक व्यक्त कर रहे हैं. देश जानना चाहता है कि यह किस तरह की देशभक्ति और समाजभक्ति है?
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
पीयूष द्विवेदी
@piyush.dwiwedi
सवालों के घेरे में चिदंबरम
गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने यह खुलासा किया है कि उस दौर में इशरत और उसके साथियों को आतंकी न बताने का उनपर गृह मंत्रालय की तरफ से दबाव डाला गया था.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
इशरत पर हेडली की गवाही का सच कुछ और तो नहीं?
जिस अंदाज में सीधे सीधे खबर आई और इशरत जहां ट्विटर पर ट्रेंड करने लगी - हकीकत उससे बिलकुल अलग रही.